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जिंदगी यूं तो सब जी रहे हैं मगर |
Zindagi Yun To Sab Jee Rahe Hain Magar Lyrics in Hindi
जिंदगी यूं तो सब जी रहे हैं मगर इस तरह का हो जीना तो क्या बात है
दाएं बगुदाद हो बाएं अजमेर हो सामने हो मदीना तो क्या बात है।
मुश्को अंबर की खुशबू से क्या फ़ायदा बस लगाओ की ख़ुशबू ख़तम हो गई
मुझको मलने को एक बूंद मिल जाए गर मुस्तफा का पसीना तो क्या बात है।
हम चले कश घर से जो तैयबा नगर हो शुरू आला हजरत के दर से सफर
मेरी मां की दुआ हो शरीके सफर, आऐ हज का माहीना तो क्या बात है।
एक ताजुश्शरिया है रहबर मेरे जिनका साया है सर पर हमेशा मेरे
सामने आपके मैं भी हाजिर रहूं बा अदब बा क़रीना तो क्या बात है।
है तमन्ना मेरी आरज़ू है यही काश देख जो लेता मैं रूए नबी
रश्क करता मुकद्दर मेरी मौत पर होता शहर मदीना तो क्या बात है।
Shayar: Shamim Raza Faizi
Naatkhwan: Shamim Raza Faizi, Mushahid Raza Wahidi
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