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मदीने को जाएं ये जी चाहता है |
Madine Ko Jayen Ye Ji Chahta Hai Lyrics in Hindi
मदीने को जाएं ये जी चाहता है
मुक़द्दर बनायें ये जी चाहता है।
मदीने के आक़ा दो आलम के मौला
तेरे पास आएं ये जी चाहता है।
जहां दोनो आलम है महवे तमन्ना
वहा सर झुकाएं ये जी चाहता है।
दिलों से जो निकले दयारे नबी में
सुनें वो सदायें ये जी चाहता है।
आक़ा की बातें आक़ा की सीरत
सुनें और सुनाएं ये जी चाहता है।
दरे पाक के सामने दिल को थामे
करे हम दुआयें ये जी चाहता है।
पहुंच जाए बेहज़ाद जब हम मदीना
वहीं मौत आए ये जी चाहता है।
Shayar: Behzaad Lucknowi
Naatkhwan: Owais Raza Qadri
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