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Wah Kya Judo Karam Hai Shahe Batha Tera Lyrics in Hindi |
Wah Kya Judo Karam Hai Shahe Batha Tera Lyrics in Hindi
वाह क्या जूदो करम है शहे बत्हा तेरा
नहीं सुनता ही नहीं माँगने वाला तेरा
धारे चलते हैं अता के वो है दरिया तेरा
तारे ख़िलते हैं सख़ा। के वोह है ज़र्रा तेरा
फ़ैज़ है या शहे तस्नीम निराला तेरा
आप प्यासों के तज्स्सुस में है दरिया तेरा
अग़्निया पलते हैं दर से वोह है बाड़ा तेरा
अस्फ़िया चलते हैं सर से वोह है रस्ता तेरा
फ़र्श वाले तेरी शौकत का उ़लू क्या जाने
खुसरवा अ़र्श पे उड़ता है फरेरा तेरा
आस्मां ख्वान, ज़मी ख़्वान, ज़माना मेहमान
साहिबे ख़ाना लक़ब किसका है तेरा तेरा
मैं तो मालिक ही कहूंगा के हो मालिक के हबीब
यानी महबूबो मुहिब में नहीं मेरा तेरा
तेरे क़दमों में जो हैं ग़ैर का मुंह क्या देखें
कौन नज़रों पे चढ़े देख के तल्वा तेरा
बहरे साइल का हूँ साइल न कुंएं का प्यासा
खुद बुझा जाए कलेजा मेरा छींटा तेरा
चोर हाक़िम से छुपा करते हैं यां इसके ख़िलाफ़
तेरे दामन में छुपे चोर अनोखा तेरा
आँखें ठन्डी हों जिगर ताज़े हों जाने सैराब
सच्चे सूरज वोह दिलआरा है उजाला तेरा
दिल अब़स ख़ौफ़ से पत्ता सा उड़ा जाता है
पल्ला हल्का सही भारी है भरोसा तेरा
एक मैं क्या मेरे इ़स्यां की हक़ीक़त कितनी
मुझसे सो लाख को काफ़ी है इशारा तेरा
मुफ़्त पाला था कभी काम की आदत न पड़ी
अब अम़ल पूछते हैं हाए निकम्मा तेरा
तेरे टूकड़ों से पले ग़ैर की ठोकर पे न डाल
झिड़कियां खाएं कहां छोड़ के सदक़ा तेरा
ख़वारो बीमारो ख़तावारो गुनाहगार हूं मैं
राफ़ेओ नाफ़ेओ शाफ़ेअ़ आक़ा तेरा
मेरी तक़दीर बुरी हो तोकर दे कि है
महवो इस्बात के दफ़्तर पे कड़ोड़ा तेरा
तू जो चाहे तो अभी मैल मेरे दिल के धुलें
कि ख़ुदा दिल नहीं करता मैला तेरा
किस का मुंह तकिये कहाँ जाइये किस से कहिये
तेरे ही क़दमों पे मिट जाए येह पाला तेरा
तूने इस्लाम दिया तूने जमाअ़त में लिया
तू करीम अब कोई फ़िरता है अ़त़िय्या तेरा
मौत सुनता हूं सितम तल्ख़ है ज़हराब ए नाब
कौन ला दे मुझे तल्वों का ग़साला तेरा
दूर क्या जानिये बदकार पे कैसी गुज़रे
तेरे ही दर पे मरे बे-कसो तन्हा तेरा
तेरे सदक़े इक बूंद बहुत है तेरी
जिस दिन अच्छों को मिले जाम छलकता तेरा
ह-रमो त़यबा व बग़दाद जिधर कीजे निगाह
जोत पड़ती है तेरी नूर है छनता तेरा
तेरी सरकार में लाता है रज़ा को शफ़ीआ़
जो मेरा ग़ौस है और लाडला बेटा तेरा
Shayar: Ala Hazrat (Imam Ahmad Raza Khan)
Naatkhwan: Owais Raza Qadri
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